Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2020 · 1 min read

बसंत

विधा-दिगपाल छंद

मापिनी-221 2122 221 2122
देखो वसंत आया,देखो वसंत आया।
आनंद संग लाया,शोभा अनंत लाया।

जब बैठ आम डाली,कोयल चकोर बोले।
हर एक चेतना में, वो प्रेम राग घोले।
हर डाल-डाल झूमे,मस्ती बयार में है।
बहती हवा दिवानी,खुश्बू कछार में है।
मन में उमंग लाया,हेमंत अंत आया।
देखो वसंत आया, देखो वसंत आया।

महकी हुई धरा है,रस फूल-फूल भीने।
गजरे सजे हुए हैं,जो गूँथ दी किसी ने।
भौरें कली कली पे,नव गीत प्रीत गाया।
फूली कली निराली,नैना सुवास पाया।
जल में तरंग लाया, जैसे असंत आया।
देखो वसंत आया ,देखो वसंत आया।

ले रंग राग कोई, रस घोल-सी रही है।
मधु पुष्प से न छीने,यह रात चोर-सी है।
पहनी हुई धरा है, धानी सुहाग जोड़ा।
देखो बहार छाई,पीयूष सत्य थोड़ा।
मौसम मचल रहा है,घर संत कंत आया।
देखो वसंत आया, देखो वसंत आया।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

3 Likes · 486 Views
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

स्कूल जाना है
स्कूल जाना है
SHAMA PARVEEN
मानव जीवन लक्ष्य क्या
मानव जीवन लक्ष्य क्या
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
साल में
साल में
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मोदी एक महानायक
मोदी एक महानायक
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
" प्रेरणा "
Dr. Kishan tandon kranti
धन्य बिहार !
धन्य बिहार !
Ghanshyam Poddar
द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा
द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा"
Vijay kumar Pandey
जलधर
जलधर
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
"भाग्य से जीतनी ज्यादा उम्मीद करोगे,
Ranjeet kumar patre
* काव्य रचना *
* काव्य रचना *
surenderpal vaidya
धीरे-धीरे क्यों बढ़ जाती हैं अपनों से दूरी
धीरे-धीरे क्यों बढ़ जाती हैं अपनों से दूरी
पूर्वार्थ
2. Love-Lorn
2. Love-Lorn
Ahtesham Ahmad
Janab hm log middle class log hai,
Janab hm log middle class log hai,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
गठबंधन
गठबंधन
Karuna Bhalla
4451.*पूर्णिका*
4451.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सूर्य की उपासना
सूर्य की उपासना
रुपेश कुमार
*कुंडी पहले थी सदा, दरवाजों के साथ (कुंडलिया)*
*कुंडी पहले थी सदा, दरवाजों के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विचार और भाव-1
विचार और भाव-1
कवि रमेशराज
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
" गाड़ी चल पड़ी उसी रफ्तार से "
DrLakshman Jha Parimal
स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां
स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां
Madhuri mahakash
आगमन राम का सुनकर फिर से असुरों ने उत्पात किया।
आगमन राम का सुनकर फिर से असुरों ने उत्पात किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
गरीबी हटाओं बनाम गरीबी घटाओं
गरीबी हटाओं बनाम गरीबी घटाओं
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
सरसी छंद
सरसी छंद
seema sharma
प्रश्न मुझसे किसलिए?
प्रश्न मुझसे किसलिए?
Abhishek Soni
“जब से विराजे श्रीराम,
“जब से विराजे श्रीराम,
Dr. Vaishali Verma
मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ
मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ
Akash Agam
सजन हमने  लगाई है तुम्हारे  नाम की मेंहदी
सजन हमने लगाई है तुम्हारे नाम की मेंहदी
Dr Archana Gupta
Loading...