Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2018 · 1 min read

बलात्कार_और_बलात्कारी

एक औरत जो साड़ी पहनती है…उसका बलात्कार हो जाता है(कारण…डीप नेक , बैकलेस ब्लाउज और पारदर्शी साड़ी में कमर दिखाई देना)
एक लड़की जींस टाप पहनती है…उसका बलात्कार हो जाता है (वजह…चुस्त जींस और चुस्त टाप उसके शरीर के उभारों को और उभार रहे थे)
एक बच्ची जो स्कूल ड्रेस पहनती है….बलात्कार हो जाता है ( ड्रेस के नीचे खुली टाँगें और उसकी मासूमियत निमंत्रण देती हैं)एक बुर्के वाली का बलात्कार हो जाता है जिसने अपने आप को सिर से पांव तक कपड़े ढक रखा है छुपा रखा है……. उसका बलात्कार हो जाता है (कारण उसका सिर्फ स्त्री होना ही पर्याप्त है)
स्त्री का खूबसूरत होना….गोरी होना….लम्बी और छकहरी होना आवश्यक नहीं है..वह काली…नाटी. ..कुरूप…बूढ़ी…झुर्रियों वाली..मोटी…कैसी भी हो…कोई फर्क नहीं पड़ता…..बस औरत जात होना ही पर्याप्त है बलात्कारी के लिए।उसकी उम्र 7दिन….7महीने….17 साल या 70 साल हो.. बलात्कार कर दिया जाता है..
..कारण….न तो पहनावा है….और न ही उम्र….कारण कुत्सित मानसिकता है…जो न तो उम्र का लिहाज करता है.
..न रिश्तों की मर्यादा रखता है…न धर्म देखता है…न जाति-बिरादरी….यह एक दिमागी असंतुलन होता है जिसका ख़ामज़ियाना इस समाज की औरतों को सहना पड़ता है।
यही हाल रहा हैवानियत का तो वो दिन दूर नहीं
जब औरतें खुद अपनी कोख अपनी बच्ची की कब्रगाह बना लेंगी
… क्योंकि मानव भेड़िए उसकी नाज़ुक गुड़िया को चीरें -फाड़ें …नोंचे -खसोटें… उसके पहले चिरनिंद्रा की एक गोली खाकर सुकून की नींद सुला दे अपनी लाडली को……

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 763 Views

You may also like these posts

आज की पीढ़ी
आज की पीढ़ी
अवध किशोर 'अवधू'
ग़ज़ल _ ज़िंदगी भर सभी से अदावत रही ।
ग़ज़ल _ ज़िंदगी भर सभी से अदावत रही ।
Neelofar Khan
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
Mahender Singh
नेक काम है
नेक काम है
विक्रम कुमार
" कर्म "
Dr. Kishan tandon kranti
*औषधि (बाल कविता)*
*औषधि (बाल कविता)*
Ravi Prakash
शिव लंकेश संवाद
शिव लंकेश संवाद
manorath maharaj
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
I've lost myself
I've lost myself
VINOD CHAUHAN
मिलने की बेताबियाँ,
मिलने की बेताबियाँ,
sushil sarna
माँ-बाप का कर्ज़
माँ-बाप का कर्ज़
Sagar Yadav Zakhmi
मैं मजदूर हूँ
मैं मजदूर हूँ
Kanchan verma
All the Online Urdu courses available | Rekhta-Learning
All the Online Urdu courses available | Rekhta-Learning
Urdu Course
चित्र और चरित्र
चित्र और चरित्र
Lokesh Sharma
तू मेरे ख्वाब में एक रात को भी आती अगर
तू मेरे ख्वाब में एक रात को भी आती अगर
Phool gufran
सीता के बूंदे
सीता के बूंदे
Shashi Mahajan
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
Rj Anand Prajapati
रुत चुनावी आई🙏
रुत चुनावी आई🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
क्या अजीब बात है
क्या अजीब बात है
Atul "Krishn"
भाग  करते   नहीं  घटा  देते
भाग करते नहीं घटा देते
Dr Archana Gupta
सुमन प्रभात का खिला
सुमन प्रभात का खिला
कुमार अविनाश 'केसर'
निश्छल प्रेम
निश्छल प्रेम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
Ashwini sharma
Sharing makes you bigger than you are. The more you pour out
Sharing makes you bigger than you are. The more you pour out
पूर्वार्थ
संतुष्टि
संतुष्टि
Dr. Rajeev Jain
किताबें
किताबें
Meera Thakur
मन का मैल नहीं धुले
मन का मैल नहीं धुले
Paras Nath Jha
हर चेहरा लहूलुहान है
हर चेहरा लहूलुहान है
Shekhar Chandra Mitra
4166.💐 *पूर्णिका* 💐
4166.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...