बलात्कार_और_बलात्कारी
एक औरत जो साड़ी पहनती है…उसका बलात्कार हो जाता है(कारण…डीप नेक , बैकलेस ब्लाउज और पारदर्शी साड़ी में कमर दिखाई देना)
एक लड़की जींस टाप पहनती है…उसका बलात्कार हो जाता है (वजह…चुस्त जींस और चुस्त टाप उसके शरीर के उभारों को और उभार रहे थे)
एक बच्ची जो स्कूल ड्रेस पहनती है….बलात्कार हो जाता है ( ड्रेस के नीचे खुली टाँगें और उसकी मासूमियत निमंत्रण देती हैं)एक बुर्के वाली का बलात्कार हो जाता है जिसने अपने आप को सिर से पांव तक कपड़े ढक रखा है छुपा रखा है……. उसका बलात्कार हो जाता है (कारण उसका सिर्फ स्त्री होना ही पर्याप्त है)
स्त्री का खूबसूरत होना….गोरी होना….लम्बी और छकहरी होना आवश्यक नहीं है..वह काली…नाटी. ..कुरूप…बूढ़ी…झुर्रियों वाली..मोटी…कैसी भी हो…कोई फर्क नहीं पड़ता…..बस औरत जात होना ही पर्याप्त है बलात्कारी के लिए।उसकी उम्र 7दिन….7महीने….17 साल या 70 साल हो.. बलात्कार कर दिया जाता है..
..कारण….न तो पहनावा है….और न ही उम्र….कारण कुत्सित मानसिकता है…जो न तो उम्र का लिहाज करता है.
..न रिश्तों की मर्यादा रखता है…न धर्म देखता है…न जाति-बिरादरी….यह एक दिमागी असंतुलन होता है जिसका ख़ामज़ियाना इस समाज की औरतों को सहना पड़ता है।
यही हाल रहा हैवानियत का तो वो दिन दूर नहीं
जब औरतें खुद अपनी कोख अपनी बच्ची की कब्रगाह बना लेंगी
… क्योंकि मानव भेड़िए उसकी नाज़ुक गुड़िया को चीरें -फाड़ें …नोंचे -खसोटें… उसके पहले चिरनिंद्रा की एक गोली खाकर सुकून की नींद सुला दे अपनी लाडली को……