बर्ड फ्लू का क्लू
**बर्ड फ्लू का क्लू**
फ्लू भी होती है अद्भुत संक्रामक बीमारी,
फैलती मनुष्यों में भी है पर पक्षियों पे है भारी।
बर्ड फ्लू वायरस ”एच फाइव एन वन” तय है,
ना केवल पक्षियों,मनुष्यों को भी इसका भय है।
पक्षियों से इंसानों में जो फैले सर्दी और जुकाम,
कोविड-19 के जैसा ये भी हासिल करे मुकाम।
‘बर्ड फ्लू’ को समझें ! चिड़ियों का इनफ्लुएंजा,
ये है फैलता मनुष्यों में भी पड़े जो सिर पर पंजा।
अंडा,मांस संक्रमित हों तो देते संक्रमण को बल,
‘पक्षी मल’ से स्वयं बचो ! अरु रखो वस्त्र विमल।
सांसो की तकलीफ तुम्हें हो , या हो गला खराब,
‘सेनेटाइजर’ साथ में रक्खो ! जिसमें मिली शराब।
तेज़ रहे सिर दर्द अगर नेत्रों में हो जाय संक्रमण,
ये लक्षण दर्शाते हैं ‘बर्ड फ्लू’ का हुआ आक्रमण।
खांसी,उल्टी ,दस्त , बुखार, दर्द पेशियों में अपार,
खुद से रक्खो दूर ! सूक्ष्म वायु वाहित कण,लार।
नाक बहे कफ भी बनें आती जाती श्वांसों में ठनें।
मरे हुए पक्षी न छुएं संक्रमित जीव शत्रु सम गनें।
नजरंदाज न करो इसे,ये अनोपचारित रहा अगर,
जी मिचलाए बार-2 मुश्किल हो जाए शेष डगर।
कंजेक्टिवाइटिस, निमोनिया ,गुर्दे कि शिथिलता,
हृदय,फेफड़ा रोग बढ़ें बढ़ जाए श्वांस विफलता।
नाक,गले का तरल पदार्थ जांच करालें नि:स्वार्थ,
खुद को औरों से अलग रखें ये भी होगा परमार्थ।
मास्क से मुंह-नाक ढकें पक्षी न छुएं दूरइ से तकें,
ऊर्जादायी पेय छकें ऊर्जित रहें बिल्कुल न थक
हेल्दी डाइट,फुल आराम,तरलपदार्थ सुबहो शाम,
भूले इनमें एकौ काम समझो हुआ विधाता वाम।
साफ सुथरे किचेन में खूब पकाओ चिकेन सहेज,
या रखो नानवेज परहेज!पलटो जीवन के सब पेज।