Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2024 · 1 min read

बरसात का मौसम तो लहराने का मौसम है,

बरसात का मौसम तो लहराने का मौसम है,
उड़ने दो हवाओं में बिखरे हुए बादल को ।
✍️नील रूहानी …

1 Like · 58 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
खुले आम जो देश को लूटते हैं।
खुले आम जो देश को लूटते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
*आजादी और कर्तव्य*
*आजादी और कर्तव्य*
Dushyant Kumar
उसकी याद में क्यों
उसकी याद में क्यों
Chitra Bisht
*घर के बाहर जाकर जलता, दीप एक रख आओ(गीत)*
*घर के बाहर जाकर जलता, दीप एक रख आओ(गीत)*
Ravi Prakash
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चार दिन की जिंदगानी है यारों,
चार दिन की जिंदगानी है यारों,
Anamika Tiwari 'annpurna '
वो दौर था ज़माना जब नज़र किरदार पर रखता था।
वो दौर था ज़माना जब नज़र किरदार पर रखता था।
शिव प्रताप लोधी
काम न आये
काम न आये
Dr fauzia Naseem shad
कुछ लोग बात को यूॅं ही बतंगड़ बनाते हैं!
कुछ लोग बात को यूॅं ही बतंगड़ बनाते हैं!
Ajit Kumar "Karn"
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
VINOD CHAUHAN
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
सुख- दुःख
सुख- दुःख
Dr. Upasana Pandey
जीवन की बगिया में
जीवन की बगिया में
Seema gupta,Alwar
आज़ादी!
आज़ादी!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
AJAY AMITABH SUMAN
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
Keshav kishor Kumar
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
गुरु सर्व ज्ञानो का खजाना
गुरु सर्व ज्ञानो का खजाना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अनमोल जीवन
अनमोल जीवन
Shriyansh Gupta
बेवकूफ
बेवकूफ
Tarkeshwari 'sudhi'
सावन में मन मनचला,
सावन में मन मनचला,
sushil sarna
◆कुटिल नीति◆
◆कुटिल नीति◆
*प्रणय*
4163.💐 *पूर्णिका* 💐
4163.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
विनती
विनती
Kanchan Khanna
"सूने मन के"
Dr. Kishan tandon kranti
अनोखा देश है मेरा ,    अनोखी रीत है इसकी।
अनोखा देश है मेरा , अनोखी रीत है इसकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
देखिए
देखिए "औरत चाहना" और "औरत को चाहना"
शेखर सिंह
हिंदी कब से झेल रही है
हिंदी कब से झेल रही है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...