बरसने दो बादलों को … ज़रूरत है ज़मीं वालों को ,
बरसने दो बादलों को … ज़रूरत है ज़मीं वालों को ,
तुम नहीं समझोगे इनकी क़ीमत… किसानों से पूछो ।
खुश हैं वो …….✍️ नील रूहानी
बरसने दो बादलों को … ज़रूरत है ज़मीं वालों को ,
तुम नहीं समझोगे इनकी क़ीमत… किसानों से पूछो ।
खुश हैं वो …….✍️ नील रूहानी