Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2024 · 1 min read

बरगद एक लगाइए

कुंडलिया छंद
बरगद एक लगाइए, करिए उत्तम कर्म।
सभी जीव तब हों सुखी, नित्य निभाएं धर्म।।
नित्य निभाएं धर्म,नीम रोपित इक करके।
जीवन हो उत्कृष्ट,जियें स्वांसों को भरके।।
कहै अटल कविराय,होय मन सबका गदगद।
पीपल एक लगाय,लगाओ अब तुम बरगद।।

2 Likes · 51 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्रेम भरी नफरत
प्रेम भरी नफरत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
नफरत के कारोबारियों में प्यार बांटता हूं।
नफरत के कारोबारियों में प्यार बांटता हूं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो
एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो
आकाश महेशपुरी
गये ज़माने की यादें
गये ज़माने की यादें
Shaily
सफ़र कोई अनजाना हो...
सफ़र कोई अनजाना हो...
Ajit Kumar "Karn"
!!!! कब होगा फैसला मेरा हक़ में !!!!
!!!! कब होगा फैसला मेरा हक़ में !!!!
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
पुष्प
पुष्प
Dinesh Kumar Gangwar
*हनुमान के राम*
*हनुमान के राम*
Kavita Chouhan
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
उमड़ते जज्बातों में,
उमड़ते जज्बातों में,
Niharika Verma
हुनर से गद्दारी
हुनर से गद्दारी
भरत कुमार सोलंकी
3889.*पूर्णिका*
3889.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
Raju Gajbhiye
💐 शब्दाजंलि
💐 शब्दाजंलि
*प्रणय*
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
Swami Ganganiya
व्याकुल मन की व्यञ्जना
व्याकुल मन की व्यञ्जना
हिरेन जोशी
आज फ़िर कोई
आज फ़िर कोई
हिमांशु Kulshrestha
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
Atul "Krishn"
“कारवाँ”
“कारवाँ”
DrLakshman Jha Parimal
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
Rajesh vyas
"आरजू"
Dr. Kishan tandon kranti
इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
Dr fauzia Naseem shad
अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह
अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह
Sarfaraz Ahmed Aasee
!! वह कौन थी !!
!! वह कौन थी !!
जय लगन कुमार हैप्पी
दुःख में स्वयं की एक अंगुली
दुःख में स्वयं की एक अंगुली
Ranjeet kumar patre
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
Rj Anand Prajapati
*शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम (हास्य कुंडलिया)*
*शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सीख का बीज
सीख का बीज
Sangeeta Beniwal
Loading...