Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2024 · 1 min read

बरगद एक लगाइए

कुंडलिया छंद
बरगद एक लगाइए, करिए उत्तम कर्म।
सभी जीव तब हों सुखी, नित्य निभाएं धर्म।।
नित्य निभाएं धर्म,नीम रोपित इक करके।
जीवन हो उत्कृष्ट,जियें स्वांसों को भरके।।
कहै अटल कविराय,होय मन सबका गदगद।
पीपल एक लगाय,लगाओ अब तुम बरगद।।

Language: Hindi
1 Like · 15 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राम तुम्हारे नहीं हैं
राम तुम्हारे नहीं हैं
Harinarayan Tanha
बहारों कि बरखा
बहारों कि बरखा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मन का डर
मन का डर
Aman Sinha
भूल
भूल
Dr.Pratibha Prakash
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
কেণো তুমি অবহেলনা করো
কেণো তুমি অবহেলনা করো
DrLakshman Jha Parimal
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कौन कहता ये यहां नहीं है ?🙏
कौन कहता ये यहां नहीं है ?🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पत्नी जब चैतन्य,तभी है मृदुल वसंत।
पत्नी जब चैतन्य,तभी है मृदुल वसंत।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सिसकियाँ
सिसकियाँ
Dr. Kishan tandon kranti
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
Anand Kumar
दिल के फ़साने -ग़ज़ल
दिल के फ़साने -ग़ज़ल
Dr Mukesh 'Aseemit'
ये बेपरवाही जंचती है मुझ पर,
ये बेपरवाही जंचती है मुझ पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेहद कष्टप्रद होता है किसी को बरसों-बरस अपना मानने के बाद भी
बेहद कष्टप्रद होता है किसी को बरसों-बरस अपना मानने के बाद भी
*प्रणय प्रभात*
प्रेम की नाव
प्रेम की नाव
Dr.Priya Soni Khare
3342.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3342.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
जन्मदिन तुम्हारा!
जन्मदिन तुम्हारा!
bhandari lokesh
!!!! सबसे न्यारा पनियारा !!!!
!!!! सबसे न्यारा पनियारा !!!!
जगदीश लववंशी
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
डी. के. निवातिया
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
sushil sarna
आज बहुत याद करता हूँ ।
आज बहुत याद करता हूँ ।
Nishant prakhar
सोच~
सोच~
दिनेश एल० "जैहिंद"
क्या मणिपुर बंगाल क्या, क्या ही राजस्थान ?
क्या मणिपुर बंगाल क्या, क्या ही राजस्थान ?
Arvind trivedi
"I’m now where I only want to associate myself with grown p
पूर्वार्थ
*मरता लेता जन्म है, प्राणी बारंबार (कुंडलिया)*
*मरता लेता जन्म है, प्राणी बारंबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अनसुलझे किस्से
अनसुलझे किस्से
Mahender Singh
सत्य क्या है?
सत्य क्या है?
Vandna thakur
भोले नाथ तेरी सदा ही जय
भोले नाथ तेरी सदा ही जय
नेताम आर सी
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
Manju sagar
Loading...