बरखा
बरसेला काहे
रात-दिन बदरिया
जबसे बिछड़ले
हमसे सांवरिया
बीतल अंजोरिया
आईल अन्हरिया
रह-रहके उठेला
मन में लहरिया
कईसे अब जाईं
हम जमुना कगरिया
हमरा करमवा के
फूटल गगरिया
भईल अब सपना
उनके बांसुरिया
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
#rainsong