Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2023 · 1 min read

बरखा रानी

बरखा रानी आ गई,कर सोलह श्रृंगार।
बिजली की पायल पहन,करे मधुर झंकार।।

काली चुनरी ओढ़ कर,बरसे धन बौछार।
आगे आगे नाचती,गाती चले बयार।।

इन्द्रधनुष का आभरण,बहुरंगा मनियार।
नीलगगन में टाँक दी,सतरंगी उपहार।।

लोचन सुरमा शर्वरी,घुप सघन अंधकार।
दीप जलाकर नाचती,जुगनू की अंगार। ।

पाहुन आये आँगना,खुले हृदय का द्वार।
मोती बनकर आस की,छमछम पड़े फुहार।।

मँहकी बगिया आम की,जामुन गिरे हजार।
बेणी फूलों से लदी,बैठी घूँघट डार।।

वन मयूर नर्तन करे,पपिहा रहा पुकार।
मेढ़क झिन्गुर गा रहें,स्वागत में मल्हार।।

पंचम स्वर गाती विहग,करती है मनुहार।
झूम-झूमकर तालियां,बजा रही रतनार।।

नदियाँ सभी उफान पर,बहे तेज रफ्तार।
वर्षा की हर बूँद में, नव जीवन की धार।।

मिट्टी की सोंधी महक,ले स्नेहिल उद्गार।
नव अंकुर आये पनप,पाकर मधुर दुलार।

कजरी झूला झूलती,लिए तीज त्योहार।
नाव चलाते बालगण,छपक-छपक छपकार।।

सज धज कर धरणी खड़ी, अपनी बाँह पसार।
परम मनोहर सुन्दरी,आई कुदरत द्वार।।

ऋतुओं की रानी द्रवित, हरियाली विस्तार।
छटा अनोखी देखकर, मुग्ध हुआ संसार।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

3 Likes · 1 Comment · 417 Views
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

खो कर खुद को,
खो कर खुद को,
Pramila sultan
🎊🏮*दीपमालिका  🏮🎊
🎊🏮*दीपमालिका 🏮🎊
Shashi kala vyas
चाँद...... एक खूबसूरती
चाँद...... एक खूबसूरती
Neeraj Agarwal
एक उम्मीद थी तुम से,
एक उम्मीद थी तुम से,
लक्ष्मी सिंह
पंडिताइन (लघुकथा)
पंडिताइन (लघुकथा)
Indu Singh
__________सुविचार_____________
__________सुविचार_____________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
सोंच
सोंच
Ashwani Kumar Jaiswal
फिर एक समस्या
फिर एक समस्या
A🇨🇭maanush
हमारी दीवाली दो पैसों वाली
हमारी दीवाली दो पैसों वाली
Meera Thakur
"शाम-सवेरे मंदिर जाना, दीप जला शीश झुकाना।
आर.एस. 'प्रीतम'
कुछ अच्छे गुण लोगों को महान बनाते हैं,
कुछ अच्छे गुण लोगों को महान बनाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
5. Festive Light
5. Festive Light
Ahtesham Ahmad
इस दुनिया में जहाँ
इस दुनिया में जहाँ
gurudeenverma198
यूँ दर्दो तड़प लिए सीने में
यूँ दर्दो तड़प लिए सीने में
Mahesh Tiwari 'Ayan'
उजाले को वही कीमत करेगा
उजाले को वही कीमत करेगा
पूर्वार्थ
एक राजा की राज दुलारी
एक राजा की राज दुलारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
sushil sarna
18, गरीब कौन
18, गरीब कौन
Dr .Shweta sood 'Madhu'
जहाँ सूर्य की किरण हो वहीं प्रकाश होता है,
जहाँ सूर्य की किरण हो वहीं प्रकाश होता है,
Ranjeet kumar patre
यही तो मजा है
यही तो मजा है
Otteri Selvakumar
कुछ बिखरे हुए एहसास
कुछ बिखरे हुए एहसास
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
Arghyadeep Chakraborty
चाँद
चाँद
Davina Amar Thakral
प्रयास जारी रखें
प्रयास जारी रखें
Mahender Singh
वीर रस
वीर रस
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
रूठकर के खुदसे
रूठकर के खुदसे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जब दिल से दिल ही मिला नहीं,
जब दिल से दिल ही मिला नहीं,
manjula chauhan
" इस दशहरे १२/१०/२०२४ पर विशेष "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
टुकड़ा दर्द का
टुकड़ा दर्द का
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...