बना दिया हमको ऐसा, जिंदगी की राहों ने
बना दिया हमको ऐसा, जिंदगी की राहों ने।
सीखा दिया हमको जीना, जिंदगी की राहों ने।।
बना दिया हमको ऐसा———————-।।
कभी तुम जैसे थे हम भी, मस्त बेखबर।
ना कोई गम था हमें, हमारी भी थी सहर।।
बुझ गई फिर वह शमा, लग गई किसकी नजर।
बना दिया हमको ऐसा———————-।।
साथ में थे अपने भी, साथ ही जीते थे हम।
पूछते थे हाल सबका, साथ बहुत हँसते थे हम।।
अब उनका घर अलग है, दूर उनसे हैं बहुत हम।
बना दिया हमको ऐसा———————-।।
सोचा था वह मूरत है, पवित्र प्यार की।
खुशी मेरे जीवन की, साथी मेरी राह की।।
रास नहीं आई उसको, मंजिल मेरी राह की।
बना दिया हमको ऐसा———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)