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22 Nov 2024 · 1 min read

बनकर हवा का झोंका तेरे शहर में आऊंगा एक दिन,

बनकर हवा का झोंका तेरे शहर में आऊंगा एक दिन,
लहराते तेरे बदन पर ये तेरा पल्लू उड़ाऊंगा एक दिन,
सरसरा उठेगा जब तेरा जिस्म इस अनजानी छुअन से,
छूकर तेरी साँसों को उन से उलझ जाऊंगा एक दिन !!
***
डी के निवातिया

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