बदले की चाह और इतिहास की आह बहुत ही खतरनाक होती है। यह दोनों
बदले की चाह और इतिहास की आह बहुत ही खतरनाक होती है। यह दोनों ऐसे तूफान हैं , जिन्हें मनुष्य की तीनों मूलभूत आवश्यकताओं (तन-मन-धन) को जड़ से उखाड़ फेंकने की दैवीय कृपा प्राप्त है।
बदले की चाह और इतिहास की आह बहुत ही खतरनाक होती है। यह दोनों ऐसे तूफान हैं , जिन्हें मनुष्य की तीनों मूलभूत आवश्यकताओं (तन-मन-धन) को जड़ से उखाड़ फेंकने की दैवीय कृपा प्राप्त है।