Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2022 · 1 min read

बदला हुआ ज़माना है

वफ़ा मिले न मिले फिर भी मुस्कुराना है
यहाँ सभी से मुझे प्यार अब निभाना है

प्रतीक शांति के हैं जो सफेद हारिल उन
कबूतरों को फलक पर हमें उड़ाना है

मिले उन्हें भी तो पढ़ने को घर के आँगन में
जो ज्ञान हीन हैं आगे उन्हें बढ़ाना है

मचा रहे है यहाँ लोग अब भी शोर-ओ-गुल
ये जिन्दगी का अजब सा हुआ फ़साना है

न बोझ दिल पे रहे आँख में नमी न रहे
मिले हैं ज़ख्म जो उनको यहीं भुलाना है

तलाशते हैं दिनों रात अब जमीं अपनी
रहें मिसालों में कुछ ऐसा कर दिखाना है

ये बात कहती हूँ अपने सभी बुज़ुर्गों से
चलें सँभाल के बदला हुआ ज़माना है

जो देखे इसको वही वाह वाह कह उठ्ठे
हमें बसाना सुधा ऐसा आशियाना है

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
8/11/2022
वाराणसी ,©®

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 211 Views

You may also like these posts

51…..Muzare.a musamman aKHrab:: maf'uul faa'ilaatun maf'uul
51…..Muzare.a musamman aKHrab:: maf'uul faa'ilaatun maf'uul
sushil yadav
चाय
चाय
अंकित आजाद गुप्ता
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
रुचि शर्मा
पत्थर
पत्थर
Arun Prasad
नजरे तो मिला ऐ भरत भाई
नजरे तो मिला ऐ भरत भाई
Baldev Chauhan
पत्थर
पत्थर
manjula chauhan
विचार-प्रधान कुंडलियाँ
विचार-प्रधान कुंडलियाँ
Ravi Prakash
हार
हार
पूर्वार्थ
कोंपलें फिर फूटेंगी
कोंपलें फिर फूटेंगी
Saraswati Bajpai
तन्हा -तन्हा
तन्हा -तन्हा
Surinder blackpen
हर ख़ुशी तुम पे वार जायेंगे।
हर ख़ुशी तुम पे वार जायेंगे।
Dr fauzia Naseem shad
दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर
दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
The_dk_poetry
गहरे ज़ख्म मिले हैं जिंदगी में...!!!!
गहरे ज़ख्म मिले हैं जिंदगी में...!!!!
Jyoti Khari
मर्यादाशील
मर्यादाशील
ललकार भारद्वाज
"जिनकी कलम से"
Dr. Kishan tandon kranti
आजमाइश
आजमाइश
AJAY AMITABH SUMAN
रखो माहौल का पूरा ध्यान
रखो माहौल का पूरा ध्यान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
gurudeenverma198
ओ री गौरैया
ओ री गौरैया
Usha Gupta
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
Ravikesh Jha
सुबह का प्रणाम। इस शेर के साथ।
सुबह का प्रणाम। इस शेर के साथ।
*प्रणय*
आईना
आईना
Kanchan Advaita
* तेरी आँखें *
* तेरी आँखें *
भूरचन्द जयपाल
! विकसित भारत !!
! विकसित भारत !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
सामान्यजन
सामान्यजन
Dr MusafiR BaithA
रख हौसले बुलंद तेरी भी उड़ान होगी,
रख हौसले बुलंद तेरी भी उड़ान होगी,
Sunil Maheshwari
“जो पानी छान कर पीते हैं,
“जो पानी छान कर पीते हैं,
शेखर सिंह
हम सम्भल कर चलते रहे
हम सम्भल कर चलते रहे
VINOD CHAUHAN
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...