बदलते मौसम
कितनी जल्दी जल्दी देखो, बदला करते हैं मौसम
उन्हें देखकर अपने अपने, रूप बदल लेते हैं हम
ठिठुर-ठिठुर सर्दी का मौसम, सबसे पहले आता है
कोट पुलोवर टोपी मोजे, गर्म-गर्म पहनाता है
सूरज दादा भी तब अपने, नखरे ख़ूब दिखाते हैं
श्वेत- श्वेत कोहरे से भी, शायद थोड़े घबराते हैं
धुआँ उगलने लगता है मुख, दाँत सुनाते हैं सरगम
कितनी जल्दी जल्दी देखो, बदला करते हैं मौसम
फिर आती हैं गर्मी रानी, हमें तनिक न भातीं हैं
ताप बढ़ा देती हैं इतना, बहुत पसीना लातीं हैं
लेकिन ऐसी,कूलर में आराम ज़रा मिल जाता है
आम रसीले खाकर हमको, मज़ा बहुत ही आता है
घर के अंदर अच्छा लगता, बाहर मगर निकलता दम
कितनी जल्दी जल्दी देखो, बदला करते हैं मौसम
फिर आकर बरसात दिलाती,इस गर्मी से छुटकारा
लगता है बारिश का मौसम, हम सबको सबसे प्यारा
ओढ़ चुनरिया धानी धरती, लहर-लहर लहराती है
सूरज दादा की तो भैया, आफत ही आ जाती है
गड -गड़ -गड़ -गड़ बादल गरजें, बूंदे नाचे छम -छम- छम
कितनी जल्दी जल्दी देखो, बदला करते हैं मौसम
डॉ अर्चना गुप्ता
25-11-2022