बदलती दुनिया
जहां तो हुआ ऐसा मक़तल है दोस्तों,
लहज़ा नहीं नरम तल्खियत है दोस्तों,
लंका में भला राम तो महफूज़ मिलेंगे,
राम की अयोध्या में आफ़त है दोस्तों,
शीशागर जुबां है मग़र रोक लगी है,
तैश के लंकेश को इजाजत है दोस्तों,
राम तो सीता को बचाने नहीं निकले,
रावण बचा लिया क़यामत है दोस्तों,