बदलता साल
दिनों की ही मेहनत है नया साल बनाने में ।
फिर भी इल्जाम है दिनो पर इसे बदलाने में ।।
बदलना होता एक दिन चाह हो कितनी भी,
जिंदगी का फ़लसफ़ा है लगा हूँ समझाने में।।
स्वागत2024
(कवि-डॉ शिव ‘लहरी’)
दिनों की ही मेहनत है नया साल बनाने में ।
फिर भी इल्जाम है दिनो पर इसे बदलाने में ।।
बदलना होता एक दिन चाह हो कितनी भी,
जिंदगी का फ़लसफ़ा है लगा हूँ समझाने में।।
स्वागत2024
(कवि-डॉ शिव ‘लहरी’)