बदकिस्मती के जुल्म
बद -किस्मतों का दर्द वोह क्या जाने ,
जिसने सहे. नहीं किस्मत के जुल्म।
मेहनत और कर्म का दम भरने वालो ,
गर देख सको तो देख लो इनके
दिल औ रूह पडे ज़ख्म ।
बद -किस्मतों का दर्द वोह क्या जाने ,
जिसने सहे. नहीं किस्मत के जुल्म।
मेहनत और कर्म का दम भरने वालो ,
गर देख सको तो देख लो इनके
दिल औ रूह पडे ज़ख्म ।