बता दूँगा तुमको
बता दूँगा तुमको वहाँ मैं ऐसा, इसमें नहीं है कुछ भी तेरा।
पाया है तूने यह सब मुझसे, तुझमें नहीं है कुछ भी तेरा।।
बता दूँगा तुमको वहाँ मैं———————-।।
मुझको देखकर तुम जब हंसोगे, महफ़िल में या यारों के संग।
चेहरे पर होगा वह नूर मेरा ही, होगी वह खुशी भी मेरा ही अंग।।
होगी शरारतें जो भी तेरी, उनमें भी होगा वह जलवा मेरा।
बता दूँगा तुमको वहाँ मैं————————।।
थामोगे तुम कल हाथ जिसका, दिखाने को मुझको अपनी हस्ती।
बता देगी तुमको दुनिया वहाँ भी, तुझमें है वह मुझसे ही मस्ती।।
जलेगा जब वहाँ दीपक तेरा,उसमें भी होगा वह ताब मेरा।
बता दूँगा तुमको वहाँ मैं ——————————-।।
होंगे जुल्म जब तुझ पर कल को, मदद मेरी ही मांगेगा तब तू।
मिलेगी नहीं तुमको आजादी मुझसी, बहुत अश्क कल को बहायेगा तू।।
नहीं पा सकोगे प्यार मुझसा,नहीं ख्वाब होगा मुझसा तेरा।
बता दूँगा तुमको वहाँ मैं————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847