* बताएं किस तरह तुमको *
** मुक्तक **
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किया महसूस दिल से है,
बताएं किस तरह तुमको।
नमी आंखों की ठहरी सी,
दिखाएं किस तरह तुमको।
हसीं मुखड़े ये मुस्काते,
हुए हमने बहुत देखे।
नशे में चूर आंखें हैं,
जगाएं किस तरह तुमको।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०९/११/२०२३