Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2024 · 1 min read

” बढ़ चले देखो सयाने “

आधार छंद : मन मनोरम छंद
मापनी : 2122 2122 2122 2122

गीत

रक्त जिनका खोल जाए , शौर्य बैठा है रिझाने ।
देश हित को प्राण देने , बढ़ चले देखो सयाने ।।

मोल माटी का समझते , भाल पर टीका लगाते ।
भारती की वंदना कर , उम्र , उस पर वारि जाते ।
रिपु दलों को रौंदने के , ढूंढते हैं वे बहाने ।।
देश हित को प्राण देने , बढ़ चले देखो सयाने ।।

वज्र सी काया गठन कर , लौह से लेकर इरादे ।
बल सँजो भुजदण्ड में हैं , डग भरे वे स्वप्न लादे ।
देश का गुणगान जिनमें , खूब गाते हैं तराने ।।
देश हित को प्राण देने , बढ़ चले देखो सयाने ।।

हैं सजग आँखे लिए वे , चौकसी दिन रात करते ।
काँप जाए रिपु सुने तो , गर्जना घनघोर करते ।
नभ धरा सागर हिमाला , सब बने उनके ठिकाने ।।
देश हित को प्राण देने , बढ़ चले देखो सयाने ।।

यद्ध में भैरव बने वे , ठोकते हैं ताल जब भी ।
खप्परों में रक्त रिपु का , नाचती बैतालिनी भी ।
हर समर में जीत उनकी , यह तिरंगा भी बखाने ।।
देश हित को प्राण देने , बढ़ चले देखो सयाने ।।

स्वरचित / रचियता :
बृज व्यास
शाजापुर ( मध्यप्रदेश )

Language: Hindi
1 Like · 19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
केवल
केवल
Shweta Soni
हम शिक्षक
हम शिक्षक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ की 313वीं कवि गोष्ठी रिपोर्ट
मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ की 313वीं कवि गोष्ठी रिपोर्ट
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अच्छी बात है
अच्छी बात है
Ashwani Kumar Jaiswal
ଷଡ ରିପୁ
ଷଡ ରିପୁ
Bidyadhar Mantry
कभी कभी खामोशी भी बहुत सवालों का जवाब होती हे !
कभी कभी खामोशी भी बहुत सवालों का जवाब होती हे !
Ranjeet kumar patre
🙅क्लीन होगा
🙅क्लीन होगा "नीट"🙅
*प्रणय प्रभात*
जिंदगी बहुत प्यार, करता हूँ मैं तुमको
जिंदगी बहुत प्यार, करता हूँ मैं तुमको
gurudeenverma198
#मज़दूर
#मज़दूर
Dr. Priya Gupta
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
Kanchan Khanna
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
Mahender Singh
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr. Rajeev Jain
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
Indu Singh
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
****उज्जवल रवि****
****उज्जवल रवि****
Kavita Chouhan
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चले चलो
चले चलो
TARAN VERMA
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
*पूर्णिका*
*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शराब का इतिहास
शराब का इतिहास
कवि आलम सिंह गुर्जर
"कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है,
शेखर सिंह
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
Babli Jha
खबर देना
खबर देना
Dr fauzia Naseem shad
*यह दौर गजब का है*
*यह दौर गजब का है*
Harminder Kaur
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
Satya Prakash Sharma
जैसे हातों सें रेत फिसलती है ,
जैसे हातों सें रेत फिसलती है ,
Manisha Wandhare
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
" मकड़जाल "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...