बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
मगर कोई चीज कदमों को रोकती है।
एक हमारी कमनसीबी,दूजे ज़माना ,
तीसरा अपनों से मिली तौहीन हमें रोकती है ।
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
मगर कोई चीज कदमों को रोकती है।
एक हमारी कमनसीबी,दूजे ज़माना ,
तीसरा अपनों से मिली तौहीन हमें रोकती है ।