बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
और नारी सुलभ लाज शर्म ,संस्कार,
सबकुछ भुला बैठा यह निकृष्ट फिल्मी संसार।
भारत के ही हैं यह,या किसी दूसरी दुनिया से,
जो नहीं इनको भारतीयता से कोई सरोकार।
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
और नारी सुलभ लाज शर्म ,संस्कार,
सबकुछ भुला बैठा यह निकृष्ट फिल्मी संसार।
भारत के ही हैं यह,या किसी दूसरी दुनिया से,
जो नहीं इनको भारतीयता से कोई सरोकार।