Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2024 · 1 min read

बड़े पद का घमंड इतना ना करो,

बड़े पद का घमंड इतना ना करो,
कि वह घमंड ही तुझे खा जाए!
सदा वाणी में मधुरता लाया करो,
शायद बिगड़ी हर बात बना जाए!

…. अजित कर्ण ✍️

2 Likes · 20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िन्दगी में हर रिश्ते का,
ज़िन्दगी में हर रिश्ते का,
Pramila sultan
3486.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3486.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
ये हक़ीक़त है
ये हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
बेटी
बेटी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं!
करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं!
Vivek saswat Shukla
हौसले हमारे ....!!!
हौसले हमारे ....!!!
Kanchan Khanna
"दरअसल"
Dr. Kishan tandon kranti
* खुशियां मनाएं *
* खुशियां मनाएं *
surenderpal vaidya
"We are a generation where alcohol is turned into cold drink
पूर्वार्थ
*लटका कर झोला कंधे पर, घूम रहे हैं मेले में (गीत)*
*लटका कर झोला कंधे पर, घूम रहे हैं मेले में (गीत)*
Ravi Prakash
जल्दी-जल्दी  बीत   जा, ओ  अंधेरी  रात।
जल्दी-जल्दी बीत जा, ओ अंधेरी रात।
गुमनाम 'बाबा'
सब बिकाऊ है
सब बिकाऊ है
Dr Mukesh 'Aseemit'
जाहि विधि रहे राम ताहि विधि रहिए
जाहि विधि रहे राम ताहि विधि रहिए
Sanjay ' शून्य'
आज का इंसान खुद के दुख से नहीं
आज का इंसान खुद के दुख से नहीं
Ranjeet kumar patre
*अयोध्या के कण-कण में राम*
*अयोध्या के कण-कण में राम*
Vandna Thakur
हौसलों कि उड़ान
हौसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
Shweta Soni
मेरी प्यारी सासू मां, मैं बहुत खुशनसीब हूं, जो मैंने मां के
मेरी प्यारी सासू मां, मैं बहुत खुशनसीब हूं, जो मैंने मां के
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नेता हुए श्रीराम
नेता हुए श्रीराम
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अर्ज किया है जनाब
अर्ज किया है जनाब
शेखर सिंह
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
Kumar lalit
वो मिटा ना सके ज़ुल्म को ज़माने से अभी ।
वो मिटा ना सके ज़ुल्म को ज़माने से अभी ।
Phool gufran
इंसानियत
इंसानियत
अशोक कुमार ढोरिया
विजयी
विजयी
Raju Gajbhiye
मैं चाहता था  तुम्हें
मैं चाहता था तुम्हें
sushil sarna
दृष्टि
दृष्टि
Ajay Mishra
नज़्म _ पिता आन है , शान है ।
नज़्म _ पिता आन है , शान है ।
Neelofar Khan
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
When winter hugs
When winter hugs
Bidyadhar Mantry
दोस्तों!
दोस्तों!
*प्रणय*
Loading...