बड़े गौर से….
बड़े गौर से कीजिए
उम्मीदों की पहचान
तभी आपको मिलेगा
सपनों का नव जहान
आकलन में कहीं हुई जो
थोड़ी भावनात्मक चूक
विपरीत नतीजे उपजा
देंगे दिल में बड़ी हूक
संजीदगी से ही थामिए
उम्मीदों की कोई डोर
कि हाथों से फिसलने की
संभावना पाए न कहीं ठौर
पूरी शिद्दत से कीजिए तय
लक्ष्य पाने के लिए प्रयास
लक्ष्य संधान में अहम होता
बहुत खुद का आत्मविश्वास