बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
प्रफुल्लित जन अहोभागी, दुखों के दैत्य भागे हैं।
कहीं पर दुंदुभी बजती, कहीं बजते नगाड़े हैं।
जनकपुर औ अयोध्या में, जुड़े फिर नेह धागे हैं।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
प्रफुल्लित जन अहोभागी, दुखों के दैत्य भागे हैं।
कहीं पर दुंदुभी बजती, कहीं बजते नगाड़े हैं।
जनकपुर औ अयोध्या में, जुड़े फिर नेह धागे हैं।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद