रातआई है।
बड़ी मुद्दतों के बाद एेसी रातआई है।
मारे खुशी के आंखों में बरसात आई है।
कई बरसों से मैं जो भी सुनना चाहती थी –
उनकी जुबाँ पर आज तो वही बात आई है।
-लक्ष्मी सिंह
बड़ी मुद्दतों के बाद एेसी रातआई है।
मारे खुशी के आंखों में बरसात आई है।
कई बरसों से मैं जो भी सुनना चाहती थी –
उनकी जुबाँ पर आज तो वही बात आई है।
-लक्ष्मी सिंह