बड़ी बातें बेची गईं, तुमको कि ख्वाब मुक़्कम्मल ना हुए, अब को
बड़ी बातें बेची गईं, तुमको कि ख्वाब मुक़्कम्मल ना हुए, अब कोई तुम्हारा हाल ना पूछेगा।
रूह को पढ़ने वाला कहाँ है, जब मिले, गले लगाएगा, एक सवाल ना पूछेगा।
ये ज़िन्दगी की लम्हों का सफ़र, हर कदम पर नए सवाल।
समझने वाले कहाँ हैं, ये धुंधली सी दुनिया, हर राज़ पर एक ताल।
पर क्या है ये माया, ये खेल है संसार का, हर उत्तर पर एक सवाल।
सोचो न कभी हार, क्योंकि ज़िंदगी का सफ़र, हर राज़ पर एक अगला सवाल।
बस चलते रहो, अपने सपनों की ओर, ना जाने कब होगा उस मिलन का वक्त, जब सब होगा मुकम्मल, और कोई सवाल ना पूछेगा।