Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2024 · 1 min read

बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।

बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
बिछाकर फूल गलियों में, खड़े हैं लोग स्वागत में।।
सियापति राम अपनी, राजधानी में पधारे हैं।
सनातन की ध्वजा लहरा रही, सम्पूर्ण भारत में।।
-जगदीश शर्मा सहज

162 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🤔🤔🤔
🤔🤔🤔
शेखर सिंह
Every moment has its own saga
Every moment has its own saga
अमित
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
Basant Bhagawan Roy
I love you ❤️
I love you ❤️
Otteri Selvakumar
अनुभूति
अनुभूति
Punam Pande
मासूम कोयला
मासूम कोयला
singh kunwar sarvendra vikram
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
Vicky Purohit
One of my fav poem -
One of my fav poem -
पूर्वार्थ
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
Sahil Ahmad
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
*दिल कहता है*
*दिल कहता है*
Kavita Chouhan
काल्पनिक अभिलाषाओं में, समय व्यर्थ में चला गया
काल्पनिक अभिलाषाओं में, समय व्यर्थ में चला गया
Er.Navaneet R Shandily
*कब किसको रोग लगे कोई, सबका भविष्य अनजाना है (राधेश्यामी छंद
*कब किसको रोग लगे कोई, सबका भविष्य अनजाना है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
बाप ने शादी मे अपनी जान से प्यारा बेटी दे दी लोग ट्रक में झा
बाप ने शादी मे अपनी जान से प्यारा बेटी दे दी लोग ट्रक में झा
Ranjeet kumar patre
काफी ढूंढ रही थी में खुशियों को,
काफी ढूंढ रही थी में खुशियों को,
Kanchan Alok Malu
कब भोर हुई कब सांझ ढली
कब भोर हुई कब सांझ ढली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
VINOD CHAUHAN
शरणागति
शरणागति
Dr. Upasana Pandey
आज का मुक्तक
आज का मुक्तक
*प्रणय*
भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया
भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया
©️ दामिनी नारायण सिंह
इंसानियत
इंसानियत
साहित्य गौरव
4210💐 *पूर्णिका* 💐
4210💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अब...
अब...
हिमांशु Kulshrestha
तेरा साथ है कितना प्यारा
तेरा साथ है कितना प्यारा
Mamta Rani
जीवन को
जीवन को
Dr fauzia Naseem shad
विवेकवान मशीन
विवेकवान मशीन
Sandeep Pande
माॅं
माॅं
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...