बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
जब हो दूर तक घने अँधेरे साये का साथ चलना
सुबह निकलती नही शाम यूँही रातो में ढल जाती
बदन में कोई कसक नही सिर्फ साँस आती जाती
✍️©®’अशांत’ शेखर
24/02/2023
बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
जब हो दूर तक घने अँधेरे साये का साथ चलना
सुबह निकलती नही शाम यूँही रातो में ढल जाती
बदन में कोई कसक नही सिर्फ साँस आती जाती
✍️©®’अशांत’ शेखर
24/02/2023