बड़ा मासूम चेहरा है __मुक्तक
बड़ा मासूम चेहरा है काला सा तिल भी गहरा है।
बिखरती जुल्फों का जिस पर लगाया तूने पहरा है।।
इक बार नहीं हर बार तुझे देखूं तमन्ना है यही मेरी।
चमकते तेरे चेहरे पे जाने जां दिल मेरा ठहरा है।।
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राजेश व्यास अनुनय
बोलती हो तो लगता है कोयलिया कूकि हो जैसे।
मटक कर चलती हो तो लगता हिरनी चली जैसे।।
कुदरत का करिश्मा है, जो इतना रूप दिया तुमको।
तुम्हारा होना चाहता हूं बताओ मिलोगी तुम मुझे कैसे।।
राजेश व्यास अनुनय