Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2024 · 1 min read

बड़ा बेवाक लहज़ा है बड़ी दिलकश अदायें हैं,

बड़ा बेवाक लहज़ा है बड़ी दिलकश अदायें हैं,
चला कर तीर इस दिल पर सितम कितनो ने ढाये हैं।
बचा एक तू -ही है आशिक जो मुझसे प्यार करता है,
बहुत मासूम है चेहरा बड़ी कातिल निगाहें हैं।।
Phool gufran

10 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वतन से हम सभी इस वास्ते जीना व मरना है।
वतन से हम सभी इस वास्ते जीना व मरना है।
सत्य कुमार प्रेमी
आज का मुक्तक
आज का मुक्तक
*प्रणय प्रभात*
पहचान
पहचान
Shashi Mahajan
अपनी हीं क़ैद में हूँ
अपनी हीं क़ैद में हूँ
Shweta Soni
साया
साया
Harminder Kaur
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कृष्ण कन्हैया घर में आए
कृष्ण कन्हैया घर में आए
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"" *हाय रे....* *गर्मी* ""
सुनीलानंद महंत
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*उल्लू (बाल कविता)*
*उल्लू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
" हौंसला ही साथ देगा ----- "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
Indu Singh
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
कवि रमेशराज
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*चिंता चिता समान है*
*चिंता चिता समान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शेखर ✍️
शेखर ✍️
शेखर सिंह
किसी भी चीज़ की आशा में गँवा मत आज को देना
किसी भी चीज़ की आशा में गँवा मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
gurudeenverma198
"देश-धरम"
Dr. Kishan tandon kranti
अभी ना करो कोई बात मुहब्बत की
अभी ना करो कोई बात मुहब्बत की
shabina. Naaz
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
“मैं सब कुछ सुनकर भी
“मैं सब कुछ सुनकर भी
गुमनाम 'बाबा'
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
Sonam Puneet Dubey
ढ़ांचा एक सा
ढ़ांचा एक सा
Pratibha Pandey
बनारस की ढलती शाम,
बनारस की ढलती शाम,
Sahil Ahmad
"दोस्ती क्या है?"
Pushpraj Anant
गर्मी और नानी का घर
गर्मी और नानी का घर
अमित
अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है,
अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है,
manjula chauhan
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...