बच्चों को सिखाएं कि कभी झूठ नहीं बोलना चहिए।
#कभी झूठ न बोलो तुम#
झूठ बोलने वाला प्राणी,
कभी न सोता सुख की नींद।
झूठ से बढ़कर पाप नहीं है,
प्यारे बच्चों ए लोग सीख।
एक गड़रिया था रामू
सबको करता था परेशान।
भेड़िया आया भेड़िया आया,
देता था सबको आवाज ।
गांववासी दौड़ के जाते,
तब ओ हंस कर कहता।
कहीं नहीं है भेड़िया आया,
मैं तो यूं ही कहता।।
एक दिन सच में भेड़िया आया,
खा गया सारी बकरी ।
तेज तेज चिल्लाया रामू,
पर न किसी ने सुनी।
झूठ बोलने वाले का ,
न करता है कोई बिस्वास।
एक झूठ छुपाने को,
सौ झूठ बोलता है इन्सान।
सदा सत्य की राह पर चलना,
बढ़ाना अपने माता पिता का मान।
सत्य बोलने वाले का,
सारा जग करता है सम्मा
नोट – प्यारे बच्चों हमें कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए
रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ