बच्चों को आत्म विकास का अवसर दें
भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि कलयुग में माता पिता का प्यार अपने बच्चों के प्रति इस कदर बढ़ जाएगा कि उन्हें अपने विकास का अवसर ही नहीं मिलेगा उनकी यह भविष्यवाणी वर्तमान युग में चरितार्थ होती दिखाई पड़ती है 80-90 के दशक में बच्चे मिट्टी में खेलते थे मिट्टी खाते थे इसके बावजूद वे बीमार नहीं पड़ते थे पर आजकल के बच्चे इतने संवेदनशील हो गए हैं कि वातावरण में साधारण बदलाव या धूल मिट्टी के संपर्क में आने मात्र से बीमार पड़ जाते हैं इसका मुख्य कारण आज के अभिभावकों का आवश्यकता से अधिक प्रेम है माता पिता के इस अपार स्नेह और मोह के कारण बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास बाधित हो रहा है और बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास नहीं हो पा रहा है जिससे आए दिन वे बीमार पड़ रहे हैं इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को स्वच्छंद छोड़ें और उन्हें अपना बचपन खुलकर जीने दे जिससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास बाधित न हो और अपनी जिंदगी में आने वाली चुनौतियों का सामना वे स्वयं कर सके।
रोहित राज मिश्रा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय