बच्चों की रेल
छुकछुक करती आती रेल
सबको खूब लुभाती रेल
दूर नगर से आती रेल
दूर तलक पहुंचाती रेल
आओ आहिल और इमाद
तुम भी आ जाओ दिलशाद
लग जाओ आगे पीछे
ऐसे ही बन जाती रेल
देख के करना फाटक पार
आंख खुली रखना हर बार
सुनना खूब लगाकर कान
सी टी तेज़ बजाती रेल
चलती रहती है कैसे
साथ चलो रेल के जैसे
मौसम से टकराती रेल
चलना ही सिखलाती रेल
समझे देखो सबकी पीर
दिक्कत में खींचो जंजीर
यूं हम सबको भाती रेल
सबको सैर कराती रेल
© अरशद रसूल