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13 Jul 2019 · 1 min read

बच्चों की रेल

छुकछुक करती आती रेल
सबको खूब लुभाती रेल
दूर नगर से आती रेल
दूर तलक पहुंचाती रेल

आओ आहिल और इमाद
तुम भी आ जाओ दिलशाद
लग जाओ आगे पीछे
ऐसे ही बन जाती रेल

देख के करना फाटक पार
आंख खुली रखना हर बार
सुनना खूब लगाकर कान
सी टी तेज़ बजाती रेल

चलती रहती है कैसे
साथ चलो रेल के जैसे
मौसम से टकराती रेल
चलना ही सिखलाती रेल

समझे देखो सबकी पीर
दिक्कत में खींचो जंजीर
यूं हम सबको भाती रेल
सबको सैर कराती रेल

© अरशद रसूल

2 Likes · 597 Views
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