“बच्चे “
“बच्चे ”
बच्चे वे कलियां है जो,
फूल बनकर अपनी खुशबू बिखराएंगे।
बच्चे वे कच्ची मिट्टी है,
जो गढ़ने पर देश और राष्ट्र बन जाएंगे।
✍️ श्लोक ” उमंग “✍️
“बच्चे ”
बच्चे वे कलियां है जो,
फूल बनकर अपनी खुशबू बिखराएंगे।
बच्चे वे कच्ची मिट्टी है,
जो गढ़ने पर देश और राष्ट्र बन जाएंगे।
✍️ श्लोक ” उमंग “✍️