Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2021 · 1 min read

बच्चे बनते शौकिया!

आज कल बच्चों का शौक भी बहुत बढ़ गया है।वह आंखें बंद कर शौक़ के पीछे चल रहें हैं। आज वह जो फिल्में देखता है।वैसा ही करने लगता है।अगर अभिनेता ने कान में बाली पहन रखी है तो वह भी अपने कान में बाली पहन ने लगता है।ंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंं और अगर अभिनेता ने अपने सिर के बाल साफ़ कर लिए हैं तो वह भी अपने सिर को गंजा बना लेगा। इससे यह झलकता है कि बच्चों को बदलने बाली चाबी अभिनेताओं के पास ही है।वे बच्चे नकल के गुलाम बन चुके होते हैं। इन्हें अपना धर्म कर्म से कोई भी मतलब नहीं रखता है।आज के बच्चों पर फिल्मों का असर बहुत जल्दी दिखाई देने लगता है।वह जो भी सीखता है फिल्मों दृवार फिलमाये गये सीन से सीख रहा है। जबकि ये सीन सब काल्पनिक होते हैं।वह केवल शौकिया बन कर अपने जीवन में इन दृश्यों को उतारता है। और वह उनका बहुत बड़ा फैन बन जाता है।वह अपनी सोच और दिमाग नहीं लगाता है।कि ये लोग
पैसा कमाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। बच्चों का इस तरह
शौकिया बन जाना अपनी अक्ल को इन लोगों के पास गिरवी रख देने के समान है। बच्चों आप अपनी अक्ल का प्रर्दशन इस तरह
से न करें कि एक मूर्ख बनाने वाला इंसान की अंगुली पर आप नाचने लगे।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 224 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*** कभी-कभी.....!!! ***
*** कभी-कभी.....!!! ***
VEDANTA PATEL
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
VOICE OF INTERNAL SOUL
VOICE OF INTERNAL SOUL
SURYA PRAKASH SHARMA
Plastic Plastic Everywhere.....
Plastic Plastic Everywhere.....
R. H. SRIDEVI
"किसे कहूँ मालिक?"
Dr. Kishan tandon kranti
रद्दी के भाव बिक गयी मोहब्बत मेरी
रद्दी के भाव बिक गयी मोहब्बत मेरी
Abhishek prabal
"अपेक्षा"
Yogendra Chaturwedi
पत्नी की पहचान
पत्नी की पहचान
Pratibha Pandey
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
Taj Mohammad
मुक्तक – आज के रिश्ते
मुक्तक – आज के रिश्ते
Sonam Puneet Dubey
मायका
मायका
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
शेखर सिंह
#2024
#2024
*प्रणय प्रभात*
*आओ मिलकर नया साल मनाएं*
*आओ मिलकर नया साल मनाएं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुझमें भी कुछ अच्छा है
मुझमें भी कुछ अच्छा है
Shweta Soni
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जरा विचार कीजिए
जरा विचार कीजिए
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
पंकज कुमार कर्ण
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
Phool gufran
दादा का लगाया नींबू पेड़ / Musafir Baitha
दादा का लगाया नींबू पेड़ / Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
गजल सी रचना
गजल सी रचना
Kanchan Khanna
3142.*पूर्णिका*
3142.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हुआ पिया का आगमन
हुआ पिया का आगमन
लक्ष्मी सिंह
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैं मजदूर हूं
मैं मजदूर हूं
हरवंश हृदय
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
Rajesh vyas
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
प्रभु श्रीराम
प्रभु श्रीराम
Dr. Upasana Pandey
काश आज चंद्रमा से मुलाकाकत हो जाती!
काश आज चंद्रमा से मुलाकाकत हो जाती!
पूर्वार्थ
हम रात भर यूहीं तड़पते रहे
हम रात भर यूहीं तड़पते रहे
Ram Krishan Rastogi
Loading...