बच्चे बनते शौकिया!
आज कल बच्चों का शौक भी बहुत बढ़ गया है।वह आंखें बंद कर शौक़ के पीछे चल रहें हैं। आज वह जो फिल्में देखता है।वैसा ही करने लगता है।अगर अभिनेता ने कान में बाली पहन रखी है तो वह भी अपने कान में बाली पहन ने लगता है।ंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंं और अगर अभिनेता ने अपने सिर के बाल साफ़ कर लिए हैं तो वह भी अपने सिर को गंजा बना लेगा। इससे यह झलकता है कि बच्चों को बदलने बाली चाबी अभिनेताओं के पास ही है।वे बच्चे नकल के गुलाम बन चुके होते हैं। इन्हें अपना धर्म कर्म से कोई भी मतलब नहीं रखता है।आज के बच्चों पर फिल्मों का असर बहुत जल्दी दिखाई देने लगता है।वह जो भी सीखता है फिल्मों दृवार फिलमाये गये सीन से सीख रहा है। जबकि ये सीन सब काल्पनिक होते हैं।वह केवल शौकिया बन कर अपने जीवन में इन दृश्यों को उतारता है। और वह उनका बहुत बड़ा फैन बन जाता है।वह अपनी सोच और दिमाग नहीं लगाता है।कि ये लोग
पैसा कमाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। बच्चों का इस तरह
शौकिया बन जाना अपनी अक्ल को इन लोगों के पास गिरवी रख देने के समान है। बच्चों आप अपनी अक्ल का प्रर्दशन इस तरह
से न करें कि एक मूर्ख बनाने वाला इंसान की अंगुली पर आप नाचने लगे।