Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2019 · 1 min read

बच्ची से व्यभिचार

तार तार इज्जत हुई,आज पुन: इक बार !
क्रूर दरिंदो ने किया,,बच्ची से व्यभिचार !!

क्रूर दरिंदो ने किया, फिर जघन्यतम काज !
इसका होना चाहिए, अब तो शीघ्र इलाज !!

शर्मनाक है कृत्य पर ,बैठे हैं सब मौन !
रही लेखनी चुप अगर, तो पूछेगा कौन !!
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 413 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
Ranjeet kumar patre
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
कवि रमेशराज
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
ख़ास तो बहुत थे हम भी उसके लिए...
ख़ास तो बहुत थे हम भी उसके लिए...
Dr Manju Saini
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
जीवनदायिनी बैनगंगा
जीवनदायिनी बैनगंगा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको
क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको
gurudeenverma198
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
मेरे भोले भण्डारी
मेरे भोले भण्डारी
Dr. Upasana Pandey
ग़़ज़ल
ग़़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
दिल से जाना
दिल से जाना
Sangeeta Beniwal
"मंजिलें"
Dr. Kishan tandon kranti
" पहला खत "
Aarti sirsat
जय जगन्नाथ भगवान
जय जगन्नाथ भगवान
Neeraj Agarwal
आडम्बर के दौर में,
आडम्बर के दौर में,
sushil sarna
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
Phool gufran
जागेगा अवाम
जागेगा अवाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*खुश रहना है तो जिंदगी के फैसले अपनी परिस्थिति को देखकर खुद
*खुश रहना है तो जिंदगी के फैसले अपनी परिस्थिति को देखकर खुद
Shashi kala vyas
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
*मुख पर गजब पर्दा पड़ा है क्या करें【मुक्तक 】*
*मुख पर गजब पर्दा पड़ा है क्या करें【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
Ashok deep
"तुम्हारी हंसी" (Your Smile)
Sidhartha Mishra
* तपन *
* तपन *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
# लोकतंत्र .....
# लोकतंत्र .....
Chinta netam " मन "
3113.*पूर्णिका*
3113.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
6) जाने क्यों
6) जाने क्यों
पूनम झा 'प्रथमा'
चाहत
चाहत
Shyam Sundar Subramanian
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
दिल के रिश्ते
दिल के रिश्ते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...