“बच्ची सी बात”
लोग खामोशी को अपना आशियाना समझ बैठे है
तकदीर तो उसने लिखी , और मिटा दी
मुझे पता नहीं लोग “बच्ची सी बात” को क्यों गले से लगाकर बैठे हैं ।
लोग खामोशी को अपना आशियाना समझ बैठे है
तकदीर तो उसने लिखी , और मिटा दी
मुझे पता नहीं लोग “बच्ची सी बात” को क्यों गले से लगाकर बैठे हैं ।