बची रहे पृथ्वी
बची रहे पृथ्वी
कितने सबक
और चेतावनियाँ मिलीं
पर ढीठ मानव
प्रकृति का तालमेल
बिगाड़ने में तल्लीन है,
नहीं समझता
जो दे रहा है प्रकृति को
उससे भी वही तो पाएगा,
बची रहे पृथ्वी
मिलती रहें सांसें
बचा रहे जीवन
तो काटें न पेड़,
आओ पेड़ लगाएँ
पृथ्वी को स्वच्छ
हरा-भरा बनाएँ।
#डॉभारतीवर्माबौड़ाई