बचपन…!!
वो कागज़ की कश्ती और नदी का किनारा था!
खेलने की मस्ती थी और दिल भी आवारा था!
अब आ गये हैं हम सब समझदारी के ज़माने में!
हमारा वो नादान बचपन भी बहुत ही प्यारा था!
✒️ Anoop S.
वो कागज़ की कश्ती और नदी का किनारा था!
खेलने की मस्ती थी और दिल भी आवारा था!
अब आ गये हैं हम सब समझदारी के ज़माने में!
हमारा वो नादान बचपन भी बहुत ही प्यारा था!
✒️ Anoop S.