बचपन
इस बड़े-बड़े के चक्कर में उन छोटों को क्यों भूल गये …..
यह क्यों न समझ सके कि एक दिन थे हम भी छोटे….
अपने पन की इस चाहत में रस्मे कस्मे यूँ भूल गये …..
बचपन था प्यारा सा गुरुकुल अब उससे ही हम बिछड़ गये….
*****धीरेन्र्द*****
इस बड़े-बड़े के चक्कर में उन छोटों को क्यों भूल गये …..
यह क्यों न समझ सके कि एक दिन थे हम भी छोटे….
अपने पन की इस चाहत में रस्मे कस्मे यूँ भूल गये …..
बचपन था प्यारा सा गुरुकुल अब उससे ही हम बिछड़ गये….
*****धीरेन्र्द*****