Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

बचपन

बचपन
कहां चले जाते हो तुम
याद बहुत आते हो तुम
रह-रह कर मन भरमाते हो
कहां चले जाते हो तुम

तुम जाते हो जाती है मस्ती,
बेफिक्री मेरी ले जाते हो तुम
भीषण गर्मी ,कड़ी दोपहरी
जगती सारी थम – सी जाती,
गांव के हमजोली सारे
मिलकर थे सब धूम मचाते
किसी के आंगन
किसी चौबारे
पगडंडी पर धूल उड़ाते
छतें बजाते मृदंग सरीखे
सबको एक कराते हो तुम
बचपन कहां चले जाते हो तुम !!

संगी साथी मुझे बुलाते
मैं अधीर जाने को होता
मां चाहे मैं खाना खा लूं
चैन तभी उसे भी होता
पर हम चाहते साथी संग पहले
मां की ममता समझ न आई
हाथ छुड़ा फिर मैया से
ओझल सच हो जाते हैं हम

पल-पल की ये
मधुर स्मृतियां
याद करा जाते हो तुम
बचपन कहां चले जाते हो तुम !!

गर बचपन फिर से जी पता
फिर से मैं खोया धन पाता
फिर से भूल सभी चिंताएं
धमाल चौकड़ी
में रम रम जाता
माना पगले ! तुम सब दे देते
संगी साथी मस्ती सारी
गिल्ली डंडा स्वच्छंद घूमना
धमाल चौकड़ी, धूल उड़ाना
सरपट पगडंडी पर भागे जाना
सब कुछ मुझको लाकर दोगे
मान लिया
तुम
सब कर दोगे
सब संभव कर पाते तुम
पर इक बात मुझे बतलाओ
जिसके प्राण मुझी में बसते
मुझसे जिनके पग थे चलते
वह मां कहां से लाते तुम
वह मां कहां से लाते तुम,

बचपन कहां चले जाते हो तुम
याद बहुत आते हो तुम
याद बहुत आते हो तुम !!

60 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
View all
You may also like:
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
gurudeenverma198
रावण
रावण
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*जय माँ झंडेया वाली*
*जय माँ झंडेया वाली*
Poonam Matia
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
My Bird
My Bird
Bindesh kumar jha
भवप्रीता भवानी अरज सुनियौ...
भवप्रीता भवानी अरज सुनियौ...
निरुपमा
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
VINOD CHAUHAN
अगर, आप सही है
अगर, आप सही है
Bhupendra Rawat
Narakasur Goa
Narakasur Goa
Sonam Puneet Dubey
बुंदेली दोहे- ततइया (बर्र)
बुंदेली दोहे- ततइया (बर्र)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2778. *पूर्णिका*
2778. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#हिंदी / #उर्दू
#हिंदी / #उर्दू
*प्रणय*
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
PK Pappu Patel
🌹 इस्लाम  ने  मोहब्बत  का  पैगा़म दिया  है  ।
🌹 इस्लाम ने मोहब्बत का पैगा़म दिया है ।
Neelofar Khan
"इश्क"
Dr. Kishan tandon kranti
एक जिद्दी जुनूनी और स्वाभिमानी पुरुष को कभी ईनाम और सम्मान क
एक जिद्दी जुनूनी और स्वाभिमानी पुरुष को कभी ईनाम और सम्मान क
Rj Anand Prajapati
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
SPK Sachin Lodhi
श्री चरण नमन
श्री चरण नमन
Dr.Pratibha Prakash
देसी घी से टपकते
देसी घी से टपकते
Seema gupta,Alwar
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
keotaixiu789 com
बोला लड्डू मैं बड़ा, रसगुल्ला बेकार ( हास्य कुंडलिया )
बोला लड्डू मैं बड़ा, रसगुल्ला बेकार ( हास्य कुंडलिया )
Ravi Prakash
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
झूठ न इतना बोलिए
झूठ न इतना बोलिए
Paras Nath Jha
दिल को तेरी
दिल को तेरी
Dr fauzia Naseem shad
मेरी एक बार साहेब को मौत के कुएं में मोटरसाइकिल
मेरी एक बार साहेब को मौत के कुएं में मोटरसाइकिल
शेखर सिंह
देवी,शक्ति और जगदम्बा
देवी,शक्ति और जगदम्बा
Chitra Bisht
प्रेम पीड़ा
प्रेम पीड़ा
Shivkumar barman
Loading...