Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2024 · 1 min read

बचपन के सबसे प्यारे दोस्त से मिलने से बढ़कर सुखद और क्या हो

बचपन के सबसे प्यारे दोस्त से मिलने से बढ़कर सुखद और क्या हो सकता है? किताबों से दोस्ती बहुत छुटपन में ही हो गई थी। ‘पापा जब बच्चे थे’ मैंने कोई चालीस वर्ष पहले पढ़ी थी। लेखक मित्र बलजीत भारती के सौजन्य से यह दुर्लभ पुस्तक एक बार फिर मेरे हाथों में है। रादुगा प्रकाशन मास्को, सोवियत संघ से इसका अंतिम संस्करण 1987 में प्रकाशित हुआ था।
-इशरत हिदायत ख़ान

61 Views

You may also like these posts

'माटी मेरे गाँव की'
'माटी मेरे गाँव की'
Godambari Negi
3361.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3361.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
कार्तिक नितिन शर्मा
"सुखी हुई पत्ती"
Pushpraj Anant
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
The Lonely Traveler
The Lonely Traveler
Manisha Manjari
“Don't give up because of one bad chapter in your life.
“Don't give up because of one bad chapter in your life.
Neeraj kumar Soni
दर्द दिल का है बता नहीं सकते,
दर्द दिल का है बता नहीं सकते,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
"नफरत"
Yogendra Chaturwedi
सतगुरु
सतगुरु
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अपना दिल तो ले जाओ जो छोड़ गए थे
अपना दिल तो ले जाओ जो छोड़ गए थे
Jyoti Roshni
तुम्हारी चाहतों का दामन जो थामा है,
तुम्हारी चाहतों का दामन जो थामा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरा साथी अब सपने में
मेरा साथी अब सपने में
Rambali Mishra
काश मुझे तुम दे जाते
काश मुझे तुम दे जाते
प्रदीप कुमार गुप्ता
सशक्त रचनाएँ न किसी
सशक्त रचनाएँ न किसी "लाइक" से धन्य होती हैं, न "कॉमेंट" से क
*प्रणय*
आजादी...
आजादी...
Harminder Kaur
तुम साधना हो
तुम साधना हो
Pratibha Pandey
जिंदगी देने वाली माँ
जिंदगी देने वाली माँ
shabina. Naaz
सफलता का बीज
सफलता का बीज
Dr. Kishan tandon kranti
इल्म की रौशनी का
इल्म की रौशनी का
Dr fauzia Naseem shad
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
Phool gufran
*भेदा जिसने है चक्रव्यूह, वह ही अभिमन्यु कहाता है (राधेश्याम
*भेदा जिसने है चक्रव्यूह, वह ही अभिमन्यु कहाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
पूर्वार्थ
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
DrLakshman Jha Parimal
विषय-माँ।
विषय-माँ।
Priya princess panwar
मुक्तक – शादी या बर्बादी
मुक्तक – शादी या बर्बादी
Sonam Puneet Dubey
निकले क्या पता,श्रीफल बहु दामाद
निकले क्या पता,श्रीफल बहु दामाद
RAMESH SHARMA
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
शेखर सिंह
कुछ कर चले ढलने से पहले
कुछ कर चले ढलने से पहले
कवि दीपक बवेजा
श्री शूलपाणि
श्री शूलपाणि
Vivek saswat Shukla
Loading...