बचपन के दिन…
बचपन के दिन कितने सलोने थे,
हम सब छोटे – छोटे खिलौने थे,
हर तरफ खुशियां नजर आती थी,
बारिश की बूंदे भी कुछ गाती थी,
साथ पढ़ना साथ खेलना भाता था,
कभी न भूलने वाला एक नाता था,
मित्रता का रिश्ता कितना निश्छल था,
कितना सुंदर प्यारा हमारा कल था,
—–जेपीएल