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22 Jan 2022 · 1 min read

बचपन।

तुम बात करते हो इन महरुमियों की अपनी।
यहां तो सारा बचपन ही हमने अनाथों सा गुजारा है।।

कभी मिलो इत्मिनान से हमसे बताएगें सब।
कि किस किस ने कैसे हमको बेवजह का सताया है।।

✍✍ताज मोहम्मद✍✍

Language: Hindi
Tag: शेर
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