“बकेट-लिस्ट” (संक्षिप्त कहानी)
बरसों चिकित्सकीय उपचार के पश्चात भी रूबिना मां नहीं बनीं तो रफीक ने तलाक देकर दूसरा निकाह सलिमा से किया ।
रूबिना ने भी जीते जी हारना नहीं सीखा था, सो अनाथाश्रम से सलोनी को बेटी रूप में अपनाते हुए समाज में आखिर जीने का सहारा ढूंढ ही लिया ।
सारे गमों को भुलाकर सलोनी को हौसलों की उड़ान के साथ शिक्षित करने का उचित फैसला लिया ।
उसे बारहवीं की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त होने पर निर्धारित प्रोत्साहन-योजना का लाभ मिला,तब इच्छा रूपी बकेट-लिस्ट “मैं दोबारा तुम्हारी कोख से जन्म लेकर इस दुनिया में आना चाहती हूं मां”।