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10 Feb 2024 · 1 min read

बंधन

बंधन

न झूठे ख्वाब
ना झूठे वादे
सिधी साधी पहेचान
है अपनी
जैसे ये जमीन
आस्मा और सितारे
चारो तरफ है आशा की लहेरे
नयी उम्मिद और
मेरे दोस्त नये, पुराने
मेरे सपने मेरे अपने
कितने अच्छे और सच्चे
हृदय का हर स्पंदन
बार बार पुकारे
तुम्ही तो हो मनमित मेरे
इस दिल की दवा
दुआ और सहारे !

संजीव चांदोरकर .©
रविवार २६/०७/२०२०

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