बंद करो
हर दिन हर पल रात में आकर यूं मुझे जगाना बंद करो
हर रातों को यूं ख़्बाव में आकर याद में आना बंद करो
दिल की बातें दिल ही जाने या जानें फिर ‘मैं’ और तुम
नज़र झुकाकर , होठ दबाकर ऐसे मुस्काना बंद करो।।
हर दिन हर पल रात में आकर यूं मुझे जगाना बंद करो
हर रातों को यूं ख़्बाव में आकर याद में आना बंद करो
दिल की बातें दिल ही जाने या जानें फिर ‘मैं’ और तुम
नज़र झुकाकर , होठ दबाकर ऐसे मुस्काना बंद करो।।