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25 Dec 2024 · 1 min read

कल चमन, गुलजार होगा…..

बंजर धरती,
महक उठेगी,
खिजाँ को भी,
एतबार होगा ।
आज चटखी है,
इक कली,
कल चमन,
गुलजार होगा ।

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