*बंगलों-कारों में मत ढूँढो* *【मुक्तक 】*
बंगलों-कारों में मत ढूँढ़ो 【मुक्तक 】
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खुशी की चाहतों को बंगलों-कारों में मत ढूँढो
खुशी को पद-प्रतिष्ठा-धन के बाजारों में मत ढूँढो
खुशी भीतर की खुशबू है ,महक बसती है साँसो में
खुशी को खास मौसम-दिन के गलियारों में मत ढूँढो
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रचयिताः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर(उ.प्र.)मोबाइल 9997615451