बँटवारा
विम्मी सारे परिवार की लाडली बच्ची है अबोध होने से उसको पता नहीं है कि घर के बीच दीवार उठ चुकी है ; दोनों भाइयों में बोलचाल बन्द हो चुके हैं। आज अचानक खेलते-खेलते वह ताऊजी के घर चली गई । मनोज ने प्रभा को डांटते हुए कहा-“विम्मी वहाँ कैसे चली ?क्या तुमने उसे समझाया नहीं था?”
प्रभा ने तपाक से कहा-“दादा-दादी के लाड़ के कारण!”
मनोज ने छत पर जाकर देखा तो विम्मी दादी की गोद में बैठी हुई खेल रही थी। उसने आवाज लगाकर विम्मी को अपने घर बुला लिया।दादी काफी हतप्रभ थीं और उदास भी। विम्मी के जाते ही ताऊ ने अंदर दरवाजा बंद कर लिया था।
जगदीश शर्मा सहज